हरियाणा: शिवसेना नेता का दावा, लॉरेंस बिश्नोई गैंग से मिली धमकी
हरियाणा में शिवसेना के प्रभारी विक्रम सिंह ने दावा किया है कि उन्हें यूके के एक नंबर से व्हाट्सएप पर धमकी भरी कॉल मिली है। कॉल करने वाले ने खुद को कुख्यात लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सदस्य बताया और उनके व्यवसाय में हिस्सेदारी की मांग की। सिंह ने अपनी शिकायत में बताया कि कॉल करने वाले ने एक दिन का समय दिया और साफ चेतावनी दी कि अगर उन्होंने मांगी गई हिस्सेदारी नहीं दी, तो उनकी जान पर बन आएगी।
विक्रम सिंह ने बताया कि कॉल करने वाले ने अपना नाम रोहित गोदारा बताया और गैंग का नाम लेकर उन्हें धमकाया। उन्होंने तुरंत इस घटना की सूचना साइबर पुलिस को दी, जहां इस मामले की जांच शुरू कर दी गई है। हरियाणा पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि यह मामला गंभीर है और साइबर क्राइम टीम कॉल की डिटेल्स खंगाल रही है ताकि यह पता चल सके कि कॉल कहां से की गई और इसके पीछे कौन लोग शामिल हैं।
विक्रम सिंह ने इस धमकी के चलते अपनी और अपने परिवार की सुरक्षा को लेकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि यदि उनके परिवार या उनके साथ कुछ भी अनहोनी होती है, तो इसके लिए भाजपा सरकार जिम्मेदार होगी।
आइए जानते है लॉरेंस बिश्नोई के बारे मे कुछ ऐसी जानकारी जो आप नहीं जानते होंगे आज तक..
लॉरेंस बिश्नोई (जन्म नाम: बलकरण बराड़; जन्म: 12 फरवरी 1993) एक भारतीय गैंगस्टर है जो 2014 से जेल में है। उस पर हत्या और रंगदारी सहित कई गंभीर आरोप हैं, हालांकि उसने सभी आरोपों से इनकार किया है। माना जाता है कि उसके गैंग के करीब 700 शूटर भारत और अन्य देशों में सक्रिय हैं।
लॉरेंस बिश्नोई भी बचपन मे कुछ ऐसे ही बहुत मासूम व हटे कट्ठे दिखते थे उनके पड़ोसियों के अनुसार
प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
लॉरेंस बिश्नोई का जन्म पंजाब के फाजिल्का जिले के दुटरावली गांव में हुआ। उनके पिता, हरियाणा पुलिस में कांस्टेबल थे, जो 1997 में सेवा छोड़कर खेती करने लगे। बिश्नोई ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा अबोहर, पंजाब में पूरी की और 2010 में डीएवी कॉलेज, चंडीगढ़ में दाखिला लिया। इसके बाद 2011 में पंजाब विश्वविद्यालय में छात्र राजनीति में सक्रिय हो गए और छात्र संघ का हिस्सा बने। यहीं पर उनकी दोस्ती गोल्डी बराड़ से हुई, जो बाद में एक कुख्यात गैंगस्टर बन गया।
सोशल मीडिया और गैंग का प्रभाव
- लॉरेंस बिश्नोई गैंग का सोशल मीडिया पर बड़ा प्रभाव देखा गया है, जिसमें गैंग के कई सदस्यों द्वारा धमकी भरे संदेश और अपराध के वीडियो साझा किए जाते हैं। इस तरह के सोशल मीडिया एकाउंट्स के माध्यम से, गैंगस्टर अपनी ताकत दिखाने और नए सदस्यों को आकर्षित करने की कोशिश करते हैं। पुलिस ने कई बार इन अकाउंट्स को बंद किया है, लेकिन नए अकाउंट्स बार-बार बनाए जाते हैं, जिससे गैंग के ऑनलाइन प्रभाव को रोकना एक चुनौतीपूर्ण कार्य बन गया है।
- इसके अलावा, सोशल मीडिया पर बिश्नोई गैंग का इस्तेमाल नई योजनाओं को प्रसारित करने के लिए भी किया जाता है, जिसमें लोगों को धमकी देना और अन्य आपराधिक गतिविधियों का प्रदर्शन शामिल है। इसका प्रभाव अपराध की दुनिया में बढ़ता जा रहा है, जिससे युवा भी इस तरह की गतिविधियों से प्रभावित हो सकते हैं।
राजनीतिक हस्तक्षेप और स्थानीय सुरक्षा एजेंसियों पर प्रभाव
- बिश्नोई गैंग के खिलाफ कार्यवाही करने में स्थानीय और केंद्रीय सुरक्षा एजेंसियों को राजनीतिक हस्तक्षेप का सामना करना पड़ता है। यह देखा गया है कि बिश्नोई जैसे अपराधियों को समर्थन देने वाले कुछ राजनीतिक ताकतें हैं, जो कानून प्रवर्तन एजेंसियों के काम में बाधा डाल सकती हैं। स्थानीय नेताओं और पुलिस अधिकारियों पर दबाव भी बना रहता है कि वे इन गैंगस्टरों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने में संकोच करें।
- इसके साथ ही, जेल में रहते हुए भी बिश्नोई के प्रभाव और उसकी सुरक्षा को लेकर कई बार बहस हुई है। जेल में उसके पास मोबाइल फोन की सुविधा और अन्य संसाधनों की उपलब्धता की खबरें आई हैं, जिससे उसके अपराध को जारी रखने में सहायता मिली है।
अपराध में बढ़ता कदम
चंडीगढ़ में 2010-2012 के बीच बिश्नोई के खिलाफ हत्या के प्रयास, हमला और चोरी के कई मामले दर्ज हुए। विश्वविद्यालय की राजनीति में सक्रियता के दौरान उनके खिलाफ सात एफआईआर दर्ज हुई, जिनमें से चार में वह बरी हो चुके हैं और तीन मामले अभी लंबित हैं।
गैंग नेटवर्क और अंतरराष्ट्रीय संचालन
जेल में रहते हुए बिश्नोई ने कई कुख्यात अपराधियों से संबंध बनाए और हथियारों के कारोबार में अपनी पकड़ बनाई। उसका गैंग पांच भारतीय राज्यों में फैला है और कथित तौर पर वह जेल से ही अपने गैंग को संचालित कर रहा है।
हाई-प्रोफाइल मामलों में संलिप्तता
- सलमान खान को धमकी: 2018 में बिश्नोई के सहयोगी ने अभिनेता सलमान खान को ब्लैक बक मामले के कारण मारने की धमकी दी थी, जिसे बिश्नोई समुदाय पवित्र मानता है।
- सिद्धू मूसे वाला की हत्या: मई 2022 में पंजाबी गायक सिद्धू मूसे वाला की हत्या में गोल्डी बराड़ ने बिश्नोई का हाथ होने का दावा किया था।
- कनाडाई आरोप: अक्टूबर 2024 में कनाडाई पुलिस ने आरोप लगाया कि बिश्नोई गैंग को खालिस्तानी तत्वों को निशाना बनाने के लिए भारत सरकार के एजेंट्स द्वारा उपयोग किया जा रहा है।
बिश्नोई का गैंग आज एक संगठित अपराध सिंडिकेट बन गया है, जो भारत के अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी सक्रिय है।
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